Friday 20 July 2012

दबंग दुनिया , 20/07/2012
व्यंग्य 


           नोट पर गांधी के विकल्प की तलाश 
                                                             -ओम वर्मा      

  हन चिंतन जारी था | चिंतकों में देश को चलाने वाले, या चलाते हुए   

दिखने वाले ...देश की राह में फूल बिछाने वाले से लेकर काँटे बिछाने वाले...यानी सभी तरह के लोग थे | चिंता का,या श्रेष्ठि वर्ग की भाषा में कहूँ  तो  'बहस'  का विषय था -'भारतीय करेंसी नोटों  पर महात्मा गांधी  के स्थान पर आखिर किसका फोटो छापा जाए !' मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मुद्रा पर महात्मा गांधी का एकाधिकार जल्द ही छिनने वाला है | यह भी खबर है कि करेंसी नोटों पर गांधी की जगह अन्य राष्ट्रीय नेताओं के फोटो देने के बारे में आरबीआई को कई सुझाव मिल चुके हैं और इस पर विचार भी कर रहे हैं | समझना मुश्किल है कि परेशानी आखिर किससे  है...  गांधी के नाम से; गांधी के विचार से या कि गांधी के नाम को भुनाने वालों से ...| गांधी के सिर्फ नोटों वाले फोटो हटाना है या गांधीवाद हटाना है ; या कि गांधी का नामो-निशान ही मिटाना है...|
              मैंने सोचा कि राष्ट्र का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते इस मुद्दे पर मैं भी अपना कुछ योगदान दूँ | इसलिए मैंने कुछ विशिष्ट महानुभाओं से चर्चा की | सभी से मेरा यही प्रश्न था कि, "आपके अनुसार भारतीय करेंसी पर किसका फोटो होना चाहिए?" 
                सर्वप्रथम मैंने राजा सा. से संपर्क किया | मुँह पर ताला जड़ा होने के कारण राजाजी ने पहले तो कुछ भी कहने से इंकार कर दिया | मगर मैं भी कहाँ हार  मानने वाला था | मैंने कहा, "ताला आपके मुँह पर लगा है, हाथ और कलम पर तो नहीं ! आप अपनी राय लिखकर तो दे ही  सकते हैं |"
               "मैं भारतीय करेंसी पर सिर्फ और सिर्फ गांधी की तस्वीर चाहता हूँ |"  उन्होंने कहा...आय मीन... लिखा |
               "लेकिन गांधी जी की तस्वीर तो नोटों पर पहले से ही है |"
               "गांधी से मेरा तात्पर्य सोनिया गांधी जी से है | और हाँ, मैं जीवन में एक बार नोटों पर राहुल गांधी जी की तस्वीर भी देखना चाहता हूँ |"  उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी के पुष्प की तरह अपनी एकमात्र अभिलाषा व्यक्त की |  
          फिर मैंने बहिन जी को खोजा | प्रश्न सुनते ही उन्होंने पार्क में उनके  द्वारा  स्थापित  एक  संगमरमरी  हाथी की  पीठ पर बैठे-बैठे फरमाया, "मेरी और माननीय कांशीराम जी की फोटो तथा बीच में हाथी होना चाहिए |"
                "मगर बहिन जी, हाथी तो आपका चुनाव चिन्ह है इसलिए चुनाव आयोग  इसकी अनुमति नहीं देगा |"
 प्रतिप्रश्न  न सुनने की आदी बहिन जी को मैंने टोका |
                "नहीं, इसे चुनाव चिन्ह से मत जोडिए | करेंसी नोट यानी लक्ष्मी ! और लक्ष्मी जी के हर चित्र में आपको गजराज अवश्य दिखाई देंगे | मैं भी उन्हीं गजराज की बात कर रही हूँ | और इस पर भी यदि आपत्ति हो तो आम्बेडकर जी के चित्र पर विचार किया जा सकता है |"
              मैंने बहिन जी व पार्क में लगी सभी मूर्तियों को प्रणाम किया | दूसरी बहिन जी, क्षमा करें, दीदी को 'पोक' किया | दीदी ने प्रश्न सुनते ही आक्रामक अंदाज़ में कहा, "करेंसी नोट पर सिर्फ गुरुदेव  रोबिन्द्रोनाथ जी का चित्र होना चाहिए | उनका  नहीं  दे  सकते  तो  किसी भी गैर कांग्रेसी बंगाली का चित्र चलेगा |"
              मेरे ठाकरे परिवार से संपर्क करने पर आवाज आई कि किसी भी मराठी भाषी या मुंबईकर की तस्वीर लगाई जानी चाहिए | गड़करी जी ने गुरु गोवलकर जी की तस्वीर लगाने का सुझाव दिया |  नीतीशकुमार जी को भारतीय मुद्रा पर नरेंद्र मोदी को छोड़कर किसी की भी फोटो स्वीकार थी | कुछ 'कृपापात्र' भक्तों ने समागम में कृपादान करने वाले बाबा की तस्वीर लगाने की बात कही | आरक्षण के कोटे में 4.5 प्रतिशत उप कोटा देने की वकालात करने वाले एक महानुभाव ने  तो ने मुहम्मद अली जिन्ना का नाम भी सुझा डाला |
              चिंतन पर चिंतन और बहसों पर बहसें  जारी हैं | देश की जनता को सर्वसम्मत निर्णय की प्रतीक्षा है | 
                                ***
                                                                                                                                                                    

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