रंग भरे दोहे दनादन
– ओम वर्मा
om.varma17@gmail.com
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डॉ. मनमोहनसिंह अगर
कहेंगी सोनिया, तो खेलूँगा रंग ।
यूँ बोले सरदारजी, करो न मुझको तंग ॥ 01
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सोनिया गांधी इटली मेरा मायका, भारत है ससुराल ।
भौजाई हूँ आपकी , डालो रंग गुलाल ।। 02
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लालकृष्ण आडवानी निकले रथ पर बैठकर, खेल रहे हैं फाग ।
इस शालीन बुज़ुर्ग की, किस्मत अब तो जाग।। 03
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नरेंद्र मोदी खेलूँगा होली तभी, दिल्ली लूँ जब जीत ।
कुछ ऐसे इस फाग में, गाओ मंगल गीत ॥ 04
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यूँ बोले सरदारजी, करो न मुझको तंग ॥ 01
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सोनिया गांधी इटली मेरा मायका, भारत है ससुराल ।
भौजाई हूँ आपकी , डालो रंग गुलाल ।। 02
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लालकृष्ण आडवानी निकले रथ पर बैठकर, खेल रहे हैं फाग ।
इस शालीन बुज़ुर्ग की, किस्मत अब तो जाग।। 03
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नरेंद्र मोदी खेलूँगा होली तभी, दिल्ली लूँ जब जीत ।
कुछ ऐसे इस फाग में, गाओ मंगल गीत ॥ 04
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राहुल गांधी राहुल होली खेलने , निकले हैं इस बार
।
रँगवाएँगे मुख वहीं, जहाँ दलित का
द्वार ॥ 05
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सुशीलकुमार शिंदे
इक ‘येड़े’ को छोडकर, बाकी सबको छूट। ----------------------------------------------------------------------------------
मेला है यह फाग का, लूट सके तो लूट॥ 06
----------------------------------------------------------------------------------सुषमा स्वराज होली खेलें जब कभी, बीजेपी के लोग।
उन उन पर ही ना करें, सारे रंग प्रयोग॥ 07
--------------------------------------------------------------------------------राजनाथसिंह मान रहे अरविंद का, राजनाथ आभार।
फिर दिल्ली में मिल गया, होली का आधार।।08
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ममता बेनर्जी बस अन्ना के संग ही, खेलेगा बंगाल।
इस होली में इस तरह, होगा रंग गुलाल॥ 09
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लालूजी चारे की कुटिया बना, बैठे खटिया डाल ।
अब कोई तो डाल दे, आकर रंग गुलाल ॥ 10
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सुमित्रा महाजन हो भाई का साथ तो, जीतूँगी हर जंग।
यह कह वे कैलाश पर, लगीं डालने रंग॥ 11
---------------------------------------------------------------------------------नीतीशकुमार खेल रहे नीतीशजी, गुपचुप गुपचुप रंग ।
मोदी आकर बीच में, करें नहीं रसभंग॥ 12
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नितिन गड़करी काया से भी ‘मर्द’ हैं, माया से भी ‘मर्द’।
रंग देखकर ‘आप’ के, शुरू हो गया दर्द ॥ 13
----------------------------------------------------------------------------------शिवराजसिंह चौहान सुन लें सारी लाड़ली, हैं मामा शिवराज ।
रंग डालकर नेग लो, नहीं छोड़ना आज ॥ 14
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अरविंद केजरीवाल किस पर कैसे रंग की, करना है बरसात ।
अब जनता की राय से, तय होगी यह बात॥15
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अन्ना हजारे पहले पूरी जो करे, मेरी सत्रह माँग।
गाऊँ उसके राग में, मैं होली का ‘सांग’॥ 16
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सलमान खुर्शीद खेलूँ ना होली कभी, नपुंसकों के संग।
जाचूँगा मर्दानगी, वरना होगी जंग॥ 17
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शरद पवार दिन में होली खेलने, पहुंचे जनपथधाम।
मोदी के घर रात में, किया मगर विश्राम॥18
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दिग्विजयसिंह जिस दिन राहुल बन गए, अगले पंतप्रधान।
उस दिन से हर दिन यहाँ, होगा फागुनगान॥19
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रामविलास पासवान मोदी का मुँह रँग दिया, फिर बोले ये राम।
हम पंछी उस डाल के, जहाँ पके हों आम॥20
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श्रीप्रकाश जायसवाल ये जूनी पिचकारियाँ, करती हैं रसभंग।
लेकर आओगे नई, तो खेलूँगा रंग॥ 21
----------------------------------------------------------------------------------अखिलेश यादव जिस पिचकारी पर बनी, पापा की तस्वीर ।
रंग उसी से डालना, हाकिम हो कि वज़ीर॥ 22
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आजम खान पहले मेरी भैंस से, जो खेलेगा रंग।
अब खेलूँगा मैं सदा, होली उसके संग॥ 23
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राज ठाकरे आओ सिर्फ मराठियों, मैं खेलूँगा रंग।
चुंगी नाकों पर खड़े, बोले एक दबंग॥ 24
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अमिताभ बच्चन कुछ दिन तो गुजरात में, होली खेलो यार।
किसी दूसरे राज्य में, होगी अगली बार॥ 25
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संजय दत्त सुन सर्किट इस टैंक में, रंग ढेर सा घोल।
अब होली के नाम पर, माँगूँगा पेरोल॥ 26
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राखी सावंत राखीजी को इन दिनों, भाया मोदी रंग।
बाँट रहीं हैं मुफ्त ही, ले पिचकारी संग॥ 27
--------------------------------------------------------------------------------सुरेश कलमाड़ी कलमाड़ी से खेलना, चाह रहे जो लोग।
पहले आधे रंग का, देना होगा भोग॥ 28
----------------------------------------------------------------------------------बाल कटवाता नेता भाई मेरे यह बता, कितने मेरे बाल।
कटने को हैं जान लो, क्या होना है हाल॥ 29
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नेताओं पर रंग डलता तुमने उन पर रंग क्यूँ, दिया व्यर्थ में डाल।
देखकर आम आदमी खूनी होली खेलते, रहते वे हर साल॥ 30
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जयललिता व करुणानिधि देखें किसके गाल पर, मोदी मलें गुलाल।
करुणानिधिजी औ’ जया, आतुर लेकर गाल॥31
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मायावती मनुवादी को छोडकर, बाकी सबके साथ।
खेलेंगी मायावती, लाख टके की बात॥ 32
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आम आदमी पार्टी सब लाए पिचकारियाँ, झाड़ू इनके पास।
देखें किनका रंग अब, आता इनको रास॥ 33
----------------------------------------------------------------------------------भागीरथ प्रसाद राहुल जी की जेब से, लेकर रंग गुलाल।
मोदीजी को रँग दिया, सरजी किया कमाल॥ 34
----------------------------------------------------------------------------------योगेंद्र यादव डाली कुछ ने स्याहियाँ, कुछ ने डाले रंग।
खुशियाँ और विरोध के, सबके अपने ढंग॥ 35
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