व्यंग्य
मोहाली और एसएमएस
मोहाली सेमीफायनल में अंतिम बल्लेबाज के आउट होने तक जो रोमांच बना रहा उससे खेल की महानता व असीम लोकप्रियता तो सिद्ध हुई ही, मगर जुनून का एक अलग रूप मोबाइल संदेशों के रूप में देखने को भी मिला | सुबह से बल्कि एक दिन पूर्व से मैच के शुभारंभ तक कई चुटीले एसएमएस परिचालित होते रहे | कुछ रोचक बानगियाँ पेश हैं-
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह की पाक प्रधानमंत्री से लगी हार-जीत की शर्त! भाव एक का सात ! यदि भारत जीते तो पाकिस्तान भारत को सिर्फ एक 'व्यक्ति' दाउद सौंप देगा | और पाकिस्तान जीता तो मनजी उसे सात 'व्यक्ति' - मायावती, राजा, जयललिता, कलमाड़ी, ममता, मुलायम और लालूजी को सम्मान के साथ सौंप देंगे क्योंकि वे इन सातों से परेशान हैं | (सातों महानुभावों से क्षमा याचना सहित |)
कप्तान अफरीदी ने ड्रेसिंग रूम में मीटिंग लेते हुए कहा, "हम सचिन को सौवीं सेंचुरी हरगिज़ नहीं बनाने देंगे ...!"
शोएब ने पूछा, "मगर हम उसे रोकेंगे कैसे? वो तो गजब के फॉर्म में हैं...!"
"हम अगर पहले बेटिंग करेंगे तो अंडर 100 ऑल आउट हो जाएंगे !"
इसी प्रकार जैसे ही यह मालूम हुआ कि स्पिनर अश्विन के स्थान पर फास्ट बॉलर नेहरा को खिलाया जा रहा है, तो टीवी चैनलों पर 'विशेषज्ञों' की भौहें तन गईं व आमजन भी सहमत नहीं थे | सभी धोनी की धुलाई करने पर तुले हुए थे | सभी के ज़हन में द. अफ्रीका के विरूद्ध नेहरा द्वारा आख़िरी ओवर में दिए गए चौदह रन और तीन विकेट से मिली पराजय की याद अभी मिटी नहीं थी ! हालाँकि बाद में नेहरा ने किफायती गेंदबाजी कर अपनी उपयोगिता साबित कर दी | मैच से पहले आया संदेश-
धोनी का 'दबंग' डायलाग -"अफरीदी और अख्तर से डर नहीं लगता साब !...मुनाफ और नेहरा से लगता है ...!"
इसी प्रकार इधर सचिन के कैच छूट रहे थे और उधर संदेश चल रहा था-"शीला हमारी जवान है / मुन्नी हमारी बदनाम है / जितने रन्स (runs) सचिन के हैं / उतने स्क्वेअर फीट का तो पाकिस्तान है |"
और एक संदेश अफरीदी के चायपान पर | पत्नी (wife) ने उन्हें चाय दी ... सिर्फ प्लेट में ...| उनके पूछे जाने पर कि कप में क्यों नहीं दी, पत्नी उवाच ..."आज तो प्लेट से ही काम चला लो ... कप तो धोनी भाईजान ले गए हैं |"
इसी तरह मोटेरा क्वार्टर फायनल में आस्ट्रेलिया को हराने पर आया सदेश - "जीव दया एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा 11 कंगारूओं का शिकार करने पर जीव हत्या का प्रकरण चलाए जाने की माँग की है |"
और अंत में प्रार्थना अगले दिन अफरीदी की मासूम बेटियों का विलाप जिसने कि हर बेटी के बाप का कलेजा हिला गया, उसके लिए तथा स्वदेश वापसी पर कप्तान अफरीदी ने हिन्दुस्तान के लिए जो दिली उद्गार व्यक्त किए उसके लिए जिसने पाकिस्तान के भारत आगमन पर विरोध करने या पिच खोद डालने वाले 'देशभक्तों' के मुँह पर रिमोट चालित डिजिटल ताले लगा दिए हैं | उम्मीद करें कि यह खेल भावना मैत्री के नए पृष्ठ अवश्य खोलेगी |
- आमीन !
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मोहाली और एसएमएस
मोहाली सेमीफायनल में अंतिम बल्लेबाज के आउट होने तक जो रोमांच बना रहा उससे खेल की महानता व असीम लोकप्रियता तो सिद्ध हुई ही, मगर जुनून का एक अलग रूप मोबाइल संदेशों के रूप में देखने को भी मिला | सुबह से बल्कि एक दिन पूर्व से मैच के शुभारंभ तक कई चुटीले एसएमएस परिचालित होते रहे | कुछ रोचक बानगियाँ पेश हैं-
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह की पाक प्रधानमंत्री से लगी हार-जीत की शर्त! भाव एक का सात ! यदि भारत जीते तो पाकिस्तान भारत को सिर्फ एक 'व्यक्ति' दाउद सौंप देगा | और पाकिस्तान जीता तो मनजी उसे सात 'व्यक्ति' - मायावती, राजा, जयललिता, कलमाड़ी, ममता, मुलायम और लालूजी को सम्मान के साथ सौंप देंगे क्योंकि वे इन सातों से परेशान हैं | (सातों महानुभावों से क्षमा याचना सहित |)
कप्तान अफरीदी ने ड्रेसिंग रूम में मीटिंग लेते हुए कहा, "हम सचिन को सौवीं सेंचुरी हरगिज़ नहीं बनाने देंगे ...!"
शोएब ने पूछा, "मगर हम उसे रोकेंगे कैसे? वो तो गजब के फॉर्म में हैं...!"
"हम अगर पहले बेटिंग करेंगे तो अंडर 100 ऑल आउट हो जाएंगे !"
इसी प्रकार जैसे ही यह मालूम हुआ कि स्पिनर अश्विन के स्थान पर फास्ट बॉलर नेहरा को खिलाया जा रहा है, तो टीवी चैनलों पर 'विशेषज्ञों' की भौहें तन गईं व आमजन भी सहमत नहीं थे | सभी धोनी की धुलाई करने पर तुले हुए थे | सभी के ज़हन में द. अफ्रीका के विरूद्ध नेहरा द्वारा आख़िरी ओवर में दिए गए चौदह रन और तीन विकेट से मिली पराजय की याद अभी मिटी नहीं थी ! हालाँकि बाद में नेहरा ने किफायती गेंदबाजी कर अपनी उपयोगिता साबित कर दी | मैच से पहले आया संदेश-
धोनी का 'दबंग' डायलाग -"अफरीदी और अख्तर से डर नहीं लगता साब !...मुनाफ और नेहरा से लगता है ...!"
इसी प्रकार इधर सचिन के कैच छूट रहे थे और उधर संदेश चल रहा था-"शीला हमारी जवान है / मुन्नी हमारी बदनाम है / जितने रन्स (runs) सचिन के हैं / उतने स्क्वेअर फीट का तो पाकिस्तान है |"
और एक संदेश अफरीदी के चायपान पर | पत्नी (wife) ने उन्हें चाय दी ... सिर्फ प्लेट में ...| उनके पूछे जाने पर कि कप में क्यों नहीं दी, पत्नी उवाच ..."आज तो प्लेट से ही काम चला लो ... कप तो धोनी भाईजान ले गए हैं |"
इसी तरह मोटेरा क्वार्टर फायनल में आस्ट्रेलिया को हराने पर आया सदेश - "जीव दया एक्टिविस्ट मेनका गांधी ने भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा 11 कंगारूओं का शिकार करने पर जीव हत्या का प्रकरण चलाए जाने की माँग की है |"
और अंत में प्रार्थना अगले दिन अफरीदी की मासूम बेटियों का विलाप जिसने कि हर बेटी के बाप का कलेजा हिला गया, उसके लिए तथा स्वदेश वापसी पर कप्तान अफरीदी ने हिन्दुस्तान के लिए जो दिली उद्गार व्यक्त किए उसके लिए जिसने पाकिस्तान के भारत आगमन पर विरोध करने या पिच खोद डालने वाले 'देशभक्तों' के मुँह पर रिमोट चालित डिजिटल ताले लगा दिए हैं | उम्मीद करें कि यह खेल भावना मैत्री के नए पृष्ठ अवश्य खोलेगी |
- आमीन !
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