चरण पादुका की अभिलाषा
(स्व.) माखनलाल चतुर्वेदी से क्षमा याचना सहित
चाह नहीं मैं विश्व सुंदरी के पग में पहना जाऊं
चाह नहीं अब सम्राटों के चरणों में डाला जाऊं
चाह नहीं अब बड़े मॉल में बैठ भाग्य पर इठलाऊं
मझे पैक करना तुम बढ़िया, उसके मुँह पर देना फैंक
चले शान से जो तिहाड़ की राह, बेचकर अपाना देश
(स्व.) माखनलाल चतुर्वेदी से क्षमा याचना सहित
चाह नहीं मैं विश्व सुंदरी के पग में पहना जाऊं
चाह नहीं अब सम्राटों के चरणों में डाला जाऊं
चाह नहीं अब बड़े मॉल में बैठ भाग्य पर इठलाऊं
मझे पैक करना तुम बढ़िया, उसके मुँह पर देना फैंक
चले शान से जो तिहाड़ की राह, बेचकर अपाना देश
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